नई दिल्ली: हरियाणा के गुड़गांव की रहने वाली 34 साल की उर्वशी यादव परिवार के लिए सड़क के किनारे रेहड़ी पर छोले-कुल्चे और पराठे बेचती हैं। गुड़गांव में उर्वशी का जो घर है उसकी कीमत 3 करोड़ है। उनके पास अपनी 2 एसयूवी कारें भी हैं। उसके पति अमित यादव एक बड़ी निर्माण कंपनी में ऐग्जिक्युटिव हैं। उनके ससुर भारतीय वायुसेना ने रिटायर्ड कमांडर हैं।3 करोड़ के बंगले और दो एसयूवी की मालकिन ठेला लगाकर बेच रहीं छोला-पराठा
क्यों कर रहीं ऐसा काम …
कुछ समय पहले उर्वशी के पति दुर्घटना के शिकार हो गए। 6 साल में उनके साथ हुआ यह दूसरा हादसा था। डॉक्टरों ने कहा कि उनके कूल्हे रिप्लेस करने होंगे। इस हादसे के बाद पति के इलाज में लगने वाले खर्च और परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाने के लिए उर्वशी ने कमाने की सोची और एक नर्सरी स्कूल में शिक्षिका का काम करने लगीं लेकिन वहां से ज्यादा पैसा नहीं मिला तो अब छोले कुल्चे बेचती हैं।
क्या कहती हैं उर्वशी..
उर्वशी बताती हैं कि आज हमारी आर्थिक स्थिति खराब नहीं है, लेकिन मैं भविष्य का जोखिम नहीं ले सकती। मुझे लगा कि स्कूल टीचर बनकर मैं खास बचत नहीं कर सकती। चूंकि मुझे खाना बनाना पसंद है, तो मैंने सोचा कि इसी में निवेश करूं।
रोज कमाती हैं ढाई से 3 हजार…
दोपहर की तपाने वाली गर्मी हो या बरसात, उर्वशी अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपना काम बड़ी तल्लीनता से कर रही हैं। उर्वशी को यह काम शुरू किए 45 दिन हो गए हैं। वह गुडग़ांव सेक्टर 14 में एक पीपल के पेड़ के नीचे सुबह 8.30 से शाम 4.30 तक अपनी रेहड़ी लगाती हैं। उर्वशी बताती हैं कि उन्हें यह सोचकर डर लगता है कि किसी दिन पैसे की तंगी के कारण उनके बच्चों को स्कूल बदलना पड़े। आज वह रोजाना 2,500 से 3,000 रुपये कमा लेती हैं और अपनी कमाई से खुश हैं।