ਭਾਵੇਂ ਕਿ ਨੈਸ਼ਨਲ ਹਾਈਵੇ ਅਥਾਰਟੀ ਆਫ਼ ਇੰਡੀਆ (ਐੱਨਐੱਚਏਆਈ) ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਖ਼ਬਰਾਂ ਦਾ ਖੰਡਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਨੇ ਤਿੰਨ ਮਿੰਟ ਦੀ ਉਡੀਕ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਟੋਲ ਪਲਾਜ਼ਾ ਤੋਂ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਫਰੀ ਪੈਸੇਜ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਪਰ ਹੁਣ ਪੰਜਾਬ ਹਰਿਆਣਾ ਹਾਈਕੋਰਟ ਨੇ ਇਸ ਮਸਲੇ ਦਾ ਹੱਲ ਕਰਦਿਆਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਰਾਹਤ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मुरथल टोल प्लाजा स्थापित करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अव्यवस्था पर कड़ी टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि 3 मिनट से अधिक का इंतजार करना पड़े तो टोल पार कर लो। इस नियम के बारे में लोगों का ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए और टोल पर इसे अंकित भी किया जाए।इस पर एनएचएआई ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि तीन मिनट के इंतजार के बाद टोल फ्री होता है। कोर्ट ने दो टोल के बीच 60 किलोमीटर दूरी के प्रावधान का पालन न होने के आरोप पर करनाल, पानीपत और मुरथल टोल का रिकार्ड तलब कर लिया है। साथ ही मुरथल टोल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भी अगली सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के आदेश दिए हैं।
गुरुग्राम निवासी असीम तकीयार ने याचिका में आरटीआई से मिली सूचना का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया 5 दिसंबर 2008 की अधिसूचना के तहत एनएचएआई एक्ट के क्लाज 8 (1)के तहत शहरी सीमा के दस किलोमीटर दूर व क्लाज 8(2) के तहत एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल के बीच 60 किमी की दूरी होना जरूरी है लेकिन एनएचएआई ही अपने नियमों को तोड़ रहा है। घरौंडा में टोल प्लाजा दिल्ली से 111 किमी, पानीपत 95 किमी व मुरथल 29 किमी पर स्थित है।
इन सभी टोल प्लाजा की आपसी दूरी तय नियमों से काफी कम है। इतना ही नहीं मुरथल टोल प्लाजा तो साफ तौर पर गैर कानूनी ढंग से चलाया जा रहा है। वहां काम पूरा होने से पहले ही कंपनी ने टैक्स वसूलना शुरू कर दिया। जबकि अभी तक आठ लेन का प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं किया है। इसके अलावा मुरथल टोल पर जाम भी काफी देर तक चलता रहता है। कई बार तो आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक जाम लग जाता है।